नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी युवक को 20 साल का कारावास
नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी युवक को 20 साल का कारावास

नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने पर बीस वर्ष का कारावास

नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने पर बीस वर्ष का कारावास प्रकरण का संक्षिप्त विवरण छन्नू लाल साहू अनुसार पीडिता थाना डौण्डी में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करायी

नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने पर बीस वर्ष का कारावास

शनिवार को किरण कुमार जांगड़े, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद के द्वारा आरोपी अजय वासनिकर उर्फ चुम्मन थाना-राजहरा, जिला-बालोद को भा.द.वि की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 2000/- रु० अर्थदण्ड, धारा 366 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व 2000/- रू० अर्थदण्ड तथा भादवि की धारा 376 व पॉक्सो की धारा 6 के आरोप में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 3,000/- रू० अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण छन्नू लाल साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के अनुसार पीडिता थाना डौण्डी में उपस्थित होकर लिखित में रिपोर्ट दर्ज करायी कि माह 2017 में उसकी मोबाईल पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया, उसने अपना नाम अजय वासनिकर बताया था। फोन पर बात करते उन लोगों की दोस्ती हो गई। दोस्ती होने के एक महिने बाद आरोपी पीड़िता से मिलने पीड़िता के गांव आया और गांव के बाहर बुलाया था तथा प्रपोज किया कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ और शादी करना चाहता हूँ, कहकर अपने स्कूटी में बिठाकर खेत तरफ ले जाकर पीडिता के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध स्थापित किया। उसके बाद लगातार अलग-अलग जगह में ले जाकर पीडिता के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। आरोपी यह जानते हुए कि पीड़िता नाबालिग है फिर भी उसके मना करने के बाद भी शादी का प्रलोभन देकर अपनी स्कूटी से दल्लीराजहरा अपने घर ले गया, जहां उसके घर पर कोई नहीं होने पर पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाया। पीड़िता की उक्त लिखित रिपोर्ट पर आरोपी अजय वासनिकर उर्फ चुम्मन के विरूद्ध निरीक्षक पद्मा जगत के द्वारा थाना डौण्डी में धारा 363,366, 376(2) (n) lpc, 4,5,6 Pocso Act के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया। तत्पश्चात् संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ अपराध पाये जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र विचारण न्यायालय में दिनांक 03.10.2023 को प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना निरीक्षक अनिल कुमार ठाकुर के द्वारा किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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