सामाजिक समरसता के संदेशवाहक गुरु बाबा घासीदास जी की जयंती

सामाजिक समरसता के संदेशवाहक गुरु बाबा घासीदास जी की जयंती ग्राम परसाही, मटिया अ,हड़गहन एवं धनगांव में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

सामाजिक समरसता के संदेशवाहक गुरु बाबा घासीदास जी की जयंती

‘मनखे-मनखे एक समान’ के प्रेरक वाक्य के साथ सभी मनुष्यों को एक समान देखने का संदेश देने वाले, सतनाम पंथ के प्रवर्तक एवं सत्य, अहिंसा और सामाजिक समरसता के संदेशवाहक गुरु बाबा घासीदास जी की जयंती पर गुंडरदेही विधानसभा के लोकप्रिय विधायक माननीय श्री कुंवर सिंह निषाद जी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम परसाही, मटिया अ,हड़गहन एवं धनगांव में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

इस दौरान माननीय विधायक जी ने कहा गुरु घासीदास का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में छुआछूत, ऊंचनीच, झूठ-कपट का बोलबाला था, बाबा ने ऐसे समय में समाज में समाज को एकता, भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया। घासीदास की सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही इन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा। सात्विक जीवन गुरू घासीदास के संदेशों और उनकी जीवनी का प्रसार पंथी गीत व नृत्यों के जरिए भी व्यापक रूप से हुआ। यह छत्तीसगढ़ की प्रख्यात लोक विधा भी मानी जाती है। गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की, बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानवता की सेवा के कार्य में किया।

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