अयोध्या में राम मंदिर का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव यह उत्सव हमारे लिए विश्व मानवता और भारत की संस्कृति जागरण का मंगल अभिषेक।
अयोध्या में राम मंदिर का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
पांच शताब्दी की दीर्घ प्रतीक्षा के बाद बन रहा अयोध्या में श्री राम मंदिर बालों भगवान श्री राम की प्राकट्य भूमि अयोध्या में पांच शताब्दी की दीर्घ प्रतीक्षा के बाद भव्य, दिव्य और पावन मंदिर के निर्माण तथा 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विधर्मियों द्वारा किए जा रहे अनर्गल प्रलाप पर मरकाटोला मोहला में लगातार 24 वर्ष आयोजित रामायण महोत्सव में श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान छत्तीसगढ़ के प्रदेश कार्यकारी जगदीश देशमुख ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कहां की श्रीराम सेल्यूलर नहीं अपितु अखिल ब्रह्मांड के कण – कण में समाहित सार्वभौमिक सत्ता के प्रतीक है। भगवान श्री राम को काल्पनिक बताने वाले तथा कथित कांग्रेस समाजवादी पार्टी तथा वामपंथी विचारधारा से घोषित अधर्मी लोग हमेशा राम मंदिर तथा सनातन हिंदुत्व की घोर विरोध करते रहे हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि भारत की धर्मप्राण जनता को राजनीति नहीं अपितु भगवान श्री राम का आदर्श मर्यादा तथा लोक हितकारी मानवीयचरित्र ने अति से प्रभावित किया है। भारतीय संविधानके मौलिक अधिकार के पृष्ठ पर श्रीराम दरबार का चित्र तथा श्रीमद् भागवत कथा गीता का संदेश यह परिभाषित करता है। कि श्री राम तथा कृष्णा का मानवीय जीवन चरित्र भारतीय लोकतंत्र के लिए अतिशय प्रासंगिक उपादेय तथा लोक मंगलकारी है। लेकिन विधर्मियों ने इसे सेल्यूलरिज्म से जोडकर भारत की संस्कृततिक वैभव और अस्मिता को हमेशा कलंकित करने का दूसरा किया है। उन्होंने अधर्मियों की अश्लील हरकतों की घोर निंदा करते हुए कहा कि श्री राम हमारे धड़कनो स्पंदनो रक्त और स्मृतियों में रहते बेस हैं। श्री राम भारतीय अस्मिता का प्राण है। पांच शताब्दी की दीर्घ प्रतीक्षा के बाद बना रहे श्री राम मंदिर हमारे लिए सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि भारत की संस्कृति और सनातन आस्था का राष्ट्र मंदिर हैं 22 जनवरी को श्री राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव हमारे लिए विश्व मानवता और भारत की संस्कृति जागरण का मंगल अभिषेक।