शक्कर कारखाना में टेंडर 2024 को लेकर बड़ा खेला शुरू अधिकारियों की मेहरबानी से शक्कर कारखाना भूल सुधार केंद्र बन गया है।
शक्कर कारखाना में टेंडर 2024 को लेकर बड़ा खेला शुरू
मां दंतेश्वरी मईया शक्कर कारखाना हमेशा विवादों को लेकर सुर्खियां बनी रहती है। शक्कर कारखाना के एम डी राजेंद्र प्रसाद राठिया के द्वारा एक बड़े टेंडर को एक दूसरे की गलती छुपाने के लिए भूलवश का नाम देकर अब तक ठंडे बस्ते में रखी है। बालोद जिले के ग्राम करकाभाट मां दंतेश्वरी मईया शक्कर कारखाना मे टेंडर को लेकर रहस्यमई जानकारी हाथ लगी है। जैसा कि आपको मालूम है कि हर साल तरह इस बार भी शक्कर कारखाना में शक्कर को बेचने के लिए टेंडर जारी किया था जिसमे विभाग द्वारा टेंडर की प्रकिया होने के बावजूद अपने चहेते व्यापारी को आर्थिक हानि से बचाने के लिए टेंडर को लेकर इतने दिनों तक टालमटोल किया जा रहा है। एवं किसी भी बहाने से टेंडर निरस्त करने के फिराक में है। वहीं इस मामले में व्यापारियों ने 18 मार्च को कलेक्टोरेट पहुंच कर शिकायत दर्ज कराया जिसके बाद कलेक्टर ने इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए हैं। जिसमें जांच कमेटी के अधिकारी जिला पंचायत सीईओ डॉ. संजय कन्नौजे ने बताया कि L- 4 के व्यापारी के द्वारा यह आवेदन दिया कि मैंने नासमझी और भूलवश टेंडर ज्यादा भर दिया था जिसके पश्चात आवेदन देकर शक्कर कारखाना के एमडी से पुनः विचार करने की गुजारिश की थी जिस पर एमडी एवं जांच कमेटी के द्वारा विचार कर टेंडर को निरस्त करने की बात कह रहे हैं।
सूत्रों के हवाले से पता चला कि टेंडर 13 मार्च 2024 को जारी हो चुका है जिसमे अग्रसेन शुगर द्वारा अधिकतम 3650.85 रुपए का भाव भरा गया था। जिसके बाद आज पर्यन्त तक व्यापारी को शक्कर उठाने की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं शक्कर कारखाना के एमडी राजेंद्र प्रसाद राठिया अब कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वहीं जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि 12 मार्च 2024 को नॉन के द्वारा 3500 रुपए क्विंटल का भाव तय किया गया है। जिसमे टेंडर को निरस्त करने की बात कही है। वहीं सोचने वाली बात यह है कि जब नॉन के द्वारा शासकीय दर 3500 रुपए प्रति क्विंटल का आदेश आया था तो टेंडर खोला ही क्यों?
शक्कर कारखाना में टेंडर 2024 को लेकर बड़ा खेला शुरू आखिरकार शासकीय दर से जब शक्कर बेचना ही था तो टेंडर भरने की आवश्यकता क्या है। आपको बता दें कि इस वर्ष एक व्यापारी को हानि होने से बचाने के लिए बड़ा खेला चल रहा है। आपको बता दें कि पहले भी इसी तरह से अपने चहेते व्यापारी को लाभ पहुंचाने के दृष्टिकोण से अधिकारी शक्कर कारखाना में बड़ी गड़बड़ी करते आ रहे हैं। जिसका कोई हिसाब नहीं है, वहीं मेंटनेंश नाम पर करोड़ों रुपए का शासन को चुना लगाने का खेल चलता आ रहा है। एवं अब टेंडर के नाम पर इस तरह से शक्कर कारखाना में व्यापारियों के साथ मिलीभागत कर अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग व व्यापारियों से मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। और इसी तरह अपने मनचाहे व्यापारी को टेंडर देने का कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है। जब इस मामले में संज्ञान लेने के लिए एमडी राजेंद्र प्रसाद राठिया को कॉल किया तो उन्होने कॉल रिसीव नहीं किया। अब देखना यह होगा कि उक्त अधिकारी पर कार्यवाही होगी अथवा यह कारनामा माफी योग्य है, या फिर अब भी उक्त अधिकारी की गलती को नजरंदाज कर भूलवश कह दिया जायेगा।
शक्कर कारखाना में टेंडर 2024 को लेकर बड़ा खेला शुरू
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