पत्रकार पर हमले के मामले में जिले के पत्रकारों ने उठाया सवाल इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस अधिकारियों से की मुलाकात कार्यवाही का भरोसा दिया।
पत्रकार पर हमले के मामले में जिले के पत्रकारों ने उठाया सवाल
कुछ दिनों पूर्व नगर पंचायत गुरुर में अवैध कांप्लेक्स निर्माण में अतिक्रमण हटाने पर हुई कार्रवाई के बाद से बालोद जिले में लगातार धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके अलावा गुरुर क्षेत्र के पत्रकार के साथ मारपीट का मामला भी सामने आया। इन दोनो घटनाओं के मामले में लगातार धरना प्रदर्शन से जिले में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इसके अलावा पत्रकार पर हमले को लेकर भी अनेक राजनीतिक दलों ने निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है। बालोद शहर में लगातार धरना प्रदर्शन से कानून व्यवस्था ना बिगड़े इसे लेकर नगर के पत्रकारों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की व इन दोनों मामले में अब तक पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की के विषय पर चर्चा की।
पुलिस प्रशासन के कार्यप्रणाली पर भी सवाल
पत्रकार पर हमले के मामले में जिले के पत्रकारों ने उठाया सवाल गौरतलब है कि दिन ब दिन पत्रकार पर हमले की खबर आते जा रहे हैं वहीं जिले मे कांग्रेस पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा के प्रशासनिक दबाव धरणा प्रदर्शन एवं अपने क्रियाकलापों से दबंग विधायक कहे जाने लगे थे, जिससे उनका हौसला आसमान छूने लगा था, उनका व उनके साथियों के द्वारा आए दिन धमकी देना, मारपीट करना किसी के साथ दादागिरी करना उनके लिए सहज सा होने लगा था। वहीं कुछ दिनों पूर्व गुरूर नगर मे अवैध काम्प्लेक्स के तोड़े जाने पर बौखलाहट देखने को मिली थी। इसी परिपेक्ष्य मे एक स्थानीय आदिवासी पत्रकार विनोद नेताम ने अपने न्यूज़ पोर्टल मे प्रमुखता से खबर लगाई थी जिससे आक्रोशित होकर उन्होने उस पत्रकार को अगवा कर उससे मारपीट कर दी थी जिसकी रिपोर्ट नजदीकी थाना गुरूर मे एफआईआर की गई। वहीं सूत्रों की माने तो पुलिस इसकी छानबिन कर रही है, सीसी टीवी फुटेज खंगाल रही है, किन्तु इतने संगीन धाराओ पर भी अब तक उचित कार्यवाही नहीं होने पर पुलिस प्रशासन के कार्यप्रणाली पर भी सवाल तो उठ रहा है। क्या किसी पत्रकार को निष्पक्ष खबर नहीं लगाना चाहिए, किसी नेता व बाहुबली के खिलाफ खबर नहीं लिख सकता अन्य पत्रकारों की सुरक्षा पर भी सवाल है, आगे देखना यह होगा कि प्रशासनिक कार्यवाही किस तरह की हो पाती है, क्या इन आरोपियों की गिरफ्तारी होगी अथवा कांग्रेस पूर्व विधायक के दबाव का असर कितना रहेगा।
महिला भाजपा पार्षद को सड़क पर घसीटकर की मारपीट
बता दें गुरुर में अवैध व्यवसायिक परिसर को तोड़ने के बाद से लगातार राजनीतिक दलों द्वारा बयानबाजी की जा रही है। इस मामले में गुरुर की महिला भाजपा पार्षद को सड़क पर घसीट कर मारपीट करने का वीडियो सामने आने के बाद यह मामला और तूल पकड़ा है। इसके बाद इसी मामले में ही एक महिला द्वारा पीड़ित महिला पार्षद के रिश्तेदार के खिलाफ छेड़खानी का मामला पहले दर्ज कराया गया फिर उसे वापस ले लिया गया इसके बाद कुछ लोगों द्वारा गुरुर के पत्रकार पर हमला करने का भी मामला सामने आया। तीनों मामलों को एक ही नजर से देखा जा रहा है। इसके चलते जिले में धरना प्रदर्शन, पुतला दहन आदि लगातार किए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर बालोद के बाद गुरुर में भी भाजपाइयों द्वारा प्रदर्शन किया जाना है। इसके अलावा भाजपा और कांग्रेस नेताओं की लगातार बयानबाजी भी चल रही है। यही नहीं धरना प्रदर्शन में कार्रवाई नहीं होने पर आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी जा रही है, इससे शहर में कानून व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसे लेकर ही शनिवार को पत्रकारों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की व सार्थक चर्चा की। चर्चा में एएसपी अशोक जोशी और डीएसपी नवनीत कौर ने बताया कि गुरुर की घटना के मामले में जितने भी आवेदन आए हैं, सभी पर जांच हो रही है। एफआईआर भी दर्ज की गई है, जिनके खिलाफ एफआईआर हुई है उनके खिलाफ भी पूरी निष्पक्षता के साथ जांच चल रही है। पीड़ित के भी बयान लिए जा रहे हैं। लगातार चल रहे धरना प्रदर्शन के मामले में पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस मामले को लेकर पुलिस पूरी तरह सजग है और किसी भी प्रकार की कानून व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने पत्रकारों को भरोसा भी दिलाया कि इस मामले में आरोपितों पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। पत्रकारों ने भी कानून व्यवस्था बनाए रखने हर संभव मदद करने की बात कही।
इस दौरान पत्रकारों में टीकम पिपरिया, शिव जायसवाल ,उत्तम साहू, प्रकाश उपाध्याय,जुनैद कुरेशी, बोधन भट्ट, अमजद चौहान, हरिवंश देशमुख, तिलक देशमुख, दीपक देवांगन, युमल विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।
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