रामायणी सांसद मोहन मंडावी ने छत्तीसगढ़ का बढ़ाया मान

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रामायणी सांसद मोहन मंडावी ने छत्तीसगढ़ का बढ़ाया मान

दिल्ली : निवर्तमान लोकसभा में भाजपा के दो सदस्यों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रही। सांसद मोहन मंडावी और भागीरथ चौधरी ने 17वीं लोकसभा में एक भी दिन न चूकने का अनूठा गौरव हासिल किया है, जिसके कार्यकाल के दौरान कुल 274 सीटें थीं। संयोगवश, पहले दोनों को अगल-बगल की सीटें मिल गईं। संयोगवश, प्रथम कार्यकाल के दो सदस्यों को सदन में एक-दूसरे के बगल वाली सीटें मिल गईं। सांसद मंडावी ने कहा, “मुझे जो काम सौंपा गया है, मैं उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ करता हूं। मैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र कांकेर का प्रतिनिधित्व करता हूं और मैंने कोविड-19 महामारी के दौरान भी सदन में भाग लिया था।”

 

पीआरएस लेजिस्लेटिव द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कांकेर लोकसभा के सांसद मोहन मंडावी और भागीरथ चौधरी (राजस्थान में अजमेर से सांसद) ने 17वीं लोकसभा के दौरान 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की, जिसके कार्यकाल के दौरान औसतन 79 प्रतिशत उपस्थिति देखी गई। सांसद मोहन मंडावी ने कहा कि लोकसभा में उनकी और चौधरी की अगल-बगल सीटें थीं।

 

रामायणी सांसद के नाम से प्रसिद्ध है मोहन मंडावी

कांकेर लोकसभा के सांसद मोहन मंडावी के नाम कई उपलब्धियां है। वें दुनियां के ऐसे पहले सांसद है जिन्होंने 51 हजार परिवारों को श्रीरामचरितमानस की प्रतियां वितरित कर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज किया हैं। सांसद मोहन मंडावी रामायणी सांसद के नाम से देशभर में जानें जाते हैं। गांव गांव में उनकी रामायण मंडलिया हैं। सांसद मोहन मंडावी अपनी बातों को रामचरित मानस के चौपाई के माध्यम से कहते हैं। वें सदन में भी हर मुद्दों और विकास कार्यों की मांग रामचरित मानस के चौपाइयों के माध्यम से करते हैं। सांसद मोहन गांवों दौरा कर महिला – पुरुष मानस मंडली का गठन करवाते हैं। छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश और उड़ीसा में लगभग हर गांव में उनकी रामायण मंडली हैं। हर साल इन मंडलियों द्वारा गांवों में रामायण मानसगान सम्मेलन और प्रतियोगिता आयोजित किया जाता है। जिसमें सांसद मोहन मंडावी मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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