नेहा जैन ने अपना लिवर देकर सुहाग की बचाई जान

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नेहा जैन ने अपना लिवर देकर सुहाग की बचाई जान एक सामान्य परिवार की नेहा जैन अपने पति को मौत के मुंह से बचा लिया है।

नेहा जैन ने अपना लिवर देकर सुहाग की बचाई जान

बालोद जिला मुख्यालय के गंगासागर वार्ड नं. 16 के रहने वाले नेहा जैन पति अर्पण जैन जो कि 08 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में नेहा जैन का नाम इसलिए भी जाना जाएगा उन्होंने अपने पति को कैंसर से बचाने के लिए बलिदान दिया है। दरअसल हंसता खेलता परिवार जो कि अर्पण जैन छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक है। कुछ दिनों पूर्व उसकी तबियत खराब हुई और इलाज के लिए हॉस्पिटल के चक्कर लगाता रहा, वहीं जांच के दौरान परिवार को जब पता चला कि उसे लिवर कैंसर है, दुखों का पहाड़ गिर गया तब से मानो उनकी जिंदगी थम सी गई। एक आम आदमी इस महंगाई के समय में मुश्किल से गुजारा कर पाता है, वहीं ऐसी गंभीर बीमारी जिसके इलाज के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है ऐसे हालात में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इलाज के लिए हैदराबाद रवाना हो गए। और अपने पति की जान बचाने के लिए लिवर डोनेट करने का मन बनाया। जैसे तैसे ऑपरेशन सफल हुआ आज उनसे बातचीत के दौरान पता चला उन्होंने बताया कि वे सकुशल है और उन्हें 01 माह के बेड रेस्ट दिया गया है। जल्द ही स्वास्थ्य लाभ मिलते ही बालोद नगर में आकर वापस अपनी सामान्य जीवनशैली में प्रवेश करेंगे।

नेहा जैन ने अपना लिवर देकर सुहाग की बचाई जान

गौरतलब है कि एक पुरानी फिल्म में एक गाना है जिसमे पत्नी अपने पति को भगवान का दर्जा देते हुए “तुम्ही मेरी पूजा तुम्ही देवता हो” सनातन धर्म में आज भी सर्वोपरि है। वहीं पौराणिक युग में पति की रक्षा के लिए सती सावित्री ने यमराज से भी लड़ लिया था। ऐसी मिसाल इतिहास में भारत की महिलाओं ने दिया है। वहीं अक्सर सुनने में आता है कि सनातन परंपरा को धारण करने वाली महिलाओं में यह गुण हमेशा से देखने मिलता है जो कि अपने पति के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देती है।

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