तांदूला टूरिज्म पार्क विकास के बदले आंसू बहाने को मजबूर
तांदूला टूरिज्म पार्क विकास के बदले आंसू बहाने को मजबूर

तांदूला टूरिज्म पार्क विकास के बदले आंसू बहाने को मजबूर

तांदूला ईको टूरिज्म पार्क विकास के बदले हो रहे विनाश पर आंसू बहाने को मजबूर बालोद संयुक्त जिला कार्यालय परिसर कचरे  की बोरियों प्लास्टिक बोतल रासायनिक युक्त को जलाया जा रहा है

तांदूला टूरिज्म पार्क विकास के बदले आंसू बहाने को मजबूर

तांदूला ईको टूरिज्म पार्क विकास के बदले हो रहे विनाश पर आंसू बहाने को मजबूर बालोद संयुक्त जिला कार्यालय परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर स्थित तादुला ईको टूरिज्म पार्क अपने विकास के बदले हो रहे विनाश पर आंसू बहाने को मजबूर है जीस संस्था को इसे सवारने की जिम्मेदारी दी गई है वही इसे बर्बाद करने पर तुला हुआ हैं पर्यटकों के रहने के लिएं बनाए गए काटेज रेस्टोरेंट और निर्माणधीन अन्य कॉटेज से निकलने वाले कूड़े कचरे सीमेंट की बोरीकूड़े कचरे सीमेंट की बोरियों प्लास्टिक बोतल ग्लास पेपर प्लेट सहित अन्य रासायनिक युक्त सामानों को वहीं पर ही जलाया जा रहा है जिसे देखने वाला कोई नहीं है विदित हो कि इस पूरे पार्क को भिलाई की एक संस्था लीज पर दिया गया है करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए इस पार्क की खूबसूरती को निहारने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं संस्था भी यहां बोटिंग पार्किंग कमरो और रेस्टोरेंट से अच्छी आमदनी कमा रही है वही नियम का पालन करने में घोर लापरवाही बढ़ती जा रही है क्षेत्र की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है निर्माण और देखरेख में लगे कर्मचारी कचरा डुबान क्षेत्र में फेंक कर आग लगा रहे है उठने वाले धुएं से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही पार्किंग के नाम पर ₹20 का शुल्क मनमाने तरीके से वसूला जा रहा है पार्किंग पर्ची में ठेका अनुबंध से संबंधित शुल्क की जानकारी को लेकर कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया है

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