जिले के पटवारियों का तबादला हुआ रद्द जिम्मेदार मौन आखिरकार बरसों से जमे हुए हल्का पटवारी की रहेगी मौज
जिले के पटवारियों का तबादला हुआ रद्द जिम्मेदार मौन
बालोद जिले में पिछले दो दिनों से बालोद मुख्यालय के करीब हल्का पटवारियों का तबादला थोक में होने की सुगबुगाहट चली किंतु बालोद मुख्यालय में कई वर्षों से कुछ ऐसे जमकर बैठे हुए हैं जिनके द्वारा खाता विभाजन बंटवारा, फर्द बंटवारा, नामांतरण, जमीन खरीदी बिक्री के मामले में मोटी रकम कमाई का जरिया बना चुके हैं। इस मामले को लेकर उच्च अधिकारी से बात हुई तो उन्होने गोलमोल जवाब देकर पलड़ा झाड़ दिया कि पटवारियों का तबादला वाला मिला सूचना झूठा है। वहीं नियम के मुताबिक किसी भी पटवारी 03 वर्षी में तबादला किया जाना होता है किंतु चाटुकारिता और पैसे के दम पर यह सिलसिला कुछ पटवारी के ऊपर लागू होता नहीं दिख रहा है। बालोद जिला मुख्यालय के एक दो पटवारी तो ऐसे है जो करीब 10 वर्षो से एक ही जगह पर चिपक कर बैठे है, और अच्छी खासी प्रॉपर्टी बना लिए हैं। मगर किसकी रहमोकरम पर है यह कुछ कहा नहीं जा सकता। इस पर जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से मौन हैं। बता दें कि क्षेत्र में अपनी अलग पैठ जमाकर व्यापारी एवं कुछ किसानों से काम के बदले रकम की उगाही कर इस तबादले को ही दरकिनार कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक पटवारी के तबादले को लिस्ट भी जारी हो गया था। हम किसी का नाम नही लेंगे किंतु पटवारी भी यही कहने लगे थे कि हमारा तबादला दीगर तहसील अमुख ग्राम में हो गया है मगर अब ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव होने तक इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा। ताकि आदर्श आचार संहिता की आड़ में उनका अवैध लेनदेन का धंधा बरकरार रह सके।
कर्मचारियों की लापरवाही से किसान हो रहे हैं परेशान
गौरतलब है कि जनदर्शन में शिकायत लेकर हजारों लोग जमीन संबधी प्रकरण लेकर आते हैं। और जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ और सिर्फ आश्वासन देकर विदा कर देते हैं वहीं हर बार पटवारी एवं तहसीलदार को निर्देशित किया जाता है कि जमीन संबधी प्रकरणों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए किंतु जिम्मेदार अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। राजस्व विभाग की मनमानी और यही रवैया गरीब किसानों के लिए सरदर्द बना हुआ है। आखिरकार अब जाएं तो कहां जाएं?
अब देखना यह होगा कि बालोद जिला मुख्यालय में अब इन अवैध तरीके से कमाई का जरिया बना रहे बाबू पटवारी एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही होगी या फिर खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगो का तबादला कर दिया जायेगा।