नीट परीक्षा में बड़ी लापरवाही 45 मिनट के बाद सुलझाया बालोद में पहली बार बना केंद्र, दो बैंक से पेपर लेकर आए थे।
नीट परीक्षा में बड़ी लापरवाही 45 मिनट के बाद सुलझाया
मेडिकल क्षेत्र के सबसे बड़े परीक्षा नीट के लिए पहली बार बालोद जिले में दो केंद्र बनाए गए थे और इस केंद्र में भारी लापरवाही देखने को मिली है यहां पर बैंक से एग्जाम पेपर गलत दे दिया गया था जिसके बाद छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने के समय कंफ्यूज किया गया 45 मिनट अन्य परीक्षा प्रश्न पत्र को भरने के बाद उसे कैंसिल कर दूसरा पत्र भरने कहा गया उसके बाद एक्स्ट्रा समय देने की बात कही और समय भी नहीं दिया गया परीक्षा खत्म होने के बाद पूरी बात पेरेंट्स को पता चली जिसके बाद परीक्षा केंद्र में जमकर हंगामा हुआ। वहीं अधिकारियों को स्कूल परीक्षा से निकलने नहीं दिया जा रहा है परीक्षा के समय दो-दो क्वेश्चन पेपर दे दिए गए थे। पहले किसी और को हल कराया फिर उसे जमा करा कर दूसरे पेपर को हल करने कहा गया इस तरह बच्चों का समय भी बर्बाद हुआ और उन्हें मिस गाइडेंस हुआ जिसके कारण वह अच्छे से परीक्षा भी नहीं दे पाए पूरे प्रदेश भर में यह पहले लापरवाही बालोद जिले से सामने आए हैं मेडिकल के क्षेत्र की इसे सबसे बड़ी परीक्षा कहा जाता है वहीं इस परीक्षा में कुल 391 छात्र छात्राएं शामिल हुए थे।
बच्चों को गलत एग्जाम पेपर दिया गया
बालोद जिले के राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा बनाए गए शासकीय आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के परीक्षा केंद्र में आत्मानंद विद्यालय के प्राचार्य अरुण साहू ने बताया कि हम अपनी गलती मान रहे हैं कि बच्चों को गलत एग्जाम पेपर दिया गया था उन्होंने कहा कि बैंक से एग्जाम पेपर लाने में गलती हुई स्टेट बैंक और केनरा बैंक दोनों जगह नीट की एक क्वेश्चन पेपर जमा थे वहां से दोनों जगह से प्रश्न पत्र ले गए उसके बाद हम खुद कंफ्यूज हो गए थे। पहले बच्चों को दूसरा प्रश्न पत्र हल करने कहा गया फिर हमें लगा कि यह नहीं है तो फिर दूसरा प्रश्न पत्र दिए। वहीं अन्तिम समय में 10 मिनट ही एक्स्ट्रा देकर पेपर भी छीन लिया गया।
हमारा भविष्य पूरी तरह अंधकार – स्टूडेंट
परीक्षा हाल से निकलने के बाद बच्चों का बुरा हाल हो गया है प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लगा रहे हैं वहीं बच्चों ने रोते-रोते बताया की हड्डियां टूट जाती है पढ़ाई करते-करते पैसे खर्च हो जाते हैं, सुबह 3:30 बजे तक पढ़ते हैं उसके बाद यहां पर इस तरह का रवैया किया जाता है जिससे हमारा भविष्य पूरी तरह अंधकार में होता है। भुवनेश्वर सिंह ने बताया कि हमें परीक्षा देने के दौरान पूरी तरह मिसगाइड किया गया कोई गाइडेंस देने वाला नहीं था।
छात्रों के भविष्य के साथ हुआ खिलवाड़
वहीं रेणुका साहू ने बताया कि यदि बालोद जिले में केंद्र बनाया गया है तो सभी जिम्मेदारियां को अच्छे से निभाना था यहां पर केंद्र बनाया गया और पूरी तरह लापरवाही की गई हम बच्चों के साथ यहां पर भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। परीक्षा देने आए मौली अग्रवाल नई शिक्षकों को खरी-खोटी सुनाई और कहा कि आप सोच भी नहीं सकते कि हमें कितनी मेहनत करनी पड़ती है दिन-रात जागना पड़ता है पैसे लगते हैं बाहर रहना पड़ता है परिवार से दूर रहना पड़ता है उसके बाद जब परीक्षा देते हैं तो ऐसी स्थिति आती है उसने रोते-रोते शिक्षकों के सामने खरी खोटी सुना दी।
पेरेंट्स जवाब मांगने पहुंचे पुलिस तक बुलानी पड़ी
आपको बता दें कि परीक्षा लेने वाले जितने भी कर्मचारी थे वे प्राचार्य कक्ष में कुर्सियों में बैठे हुए थे जब पेरेंट्स उन्हें जवाब मांगने पहुंचे तो वह भी उनके सामने बेबस नजर आए मौके पर पुलिस तक बुलानी पड़ी परंतु पैरंट्स ने यहां पर शिक्षकों और जिम्मेदार लोगों को कुर्सी से उठने नहीं दिया। और जिम्मेदार लोगों के ऊपर किस तरह की कार्रवाई की जाएगी सभी बच्चों के पेरेंट्स यहां पर मौजूद हैं। और विद्यालय में परीक्षा कैंसिल करने की मांग कर रहे हैं।