आचार संहिता का पालन कराने बालोद पुलिस ने किया फ्लैग मार्च जय स्तंभ चौक में थाना एवं यातायात द्वारा संयुक्त रूप से वाहन चेकिंग कर 45 वाहनों पर कार्यवाही किया गया
आचार संहिता का पालन कराने बालोद पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
आचार संहिता का पालन कराने बालोद पुलिस ने किया फ्लैग मार्च : आचार संहिता के दौरान बालोद शहर के जय स्तंभ चौक में बालोद थाना एवं यातायात द्वारा संयुक्त मोटर वाहन चेकिंग किया गया जिसका उद्देश्य आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराना, शहर में हो रहे सड़क दुर्घटनाआंे में कमी लाना, लापरवाह वाहन चालकों पर सख्ती से कार्यवाही करना है। संयुक्त मोटर वाहन चेकिंग अभियान के दौरान 45 लापरवाह वाहन चालकों के विरूद्व मोटरयान अधिनियम् के तहत् कार्यवाही कर कुल 16,400 रू. जुर्माना वसूल किया गया हैं। एक शराब सेवन कर वाहन चलाने वाले शराबी वाहन चालकों पर कार्यवाही कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने पर माननीय न्यायालय द्वारा 10,000 रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
आचार संहिता का पालन कराने बालोद पुलिस ने किया फ्लैग मार्च संयुक्त रूप वाहन चेकिंग के दौरान वाहन चालकों एवं आम जनो को शहर व आसपास में कोई भी संदिग्ध व्यक्ति आता है या दिखाई देता है तो तत्काल पुलिस को सूचित करने की समझाईश दिया गया साथ ही वाहन चलाने के दौरान शराब सेवन कर वाहन नही चलाने, रात्रि में वाहन चलाते समय अपर डिपर का प्रयोग करे, मालवाहक वाहन में सवारी भरकर परिवहन न करे, ओव्हरलोड़ माल भरकर परिवहन न करें, वाहन चलाते समय मोबाईल का उपयोग न करे, नाबालिक बच्चों को वाहन चलाने न देवे, संयमित गति से वाहन चलाएं एवं वाहन चलाते समय सीट बेल्ट एवं हेलमेट अवश्य लगावे एवं वाहन चलाते समय वाहन के दस्तावेज हमेशा अपने साथ रखने की समझाईश दिया गया है।
आचार संहिता के बारे में …
आचार संहिता का पालन कराने बालोद पुलिस ने किया फ्लैग मार्च : आचार संहिता एक विशेष सेट नियमों और मानकों का संग्रह होता है जो किसी समाज या संगठन के लिए लागू होता है। यह नियम और दिशानिर्देश विभिन्न क्षेत्रों में समाज के सदस्यों के बीहाव को निर्धारित करने में मदद करता है, जैसे कि नैतिकता, आचरण, न्याय, और नियमों का पालन। इन्हें बनाने और पालन करने के पीछे विभिन्न आधारभूत मूल्यों, संस्कृति और कानूनी विधान के आधार पर होता है।
आचार संहिता के विषय में जानकारी कहीं-कहीं नागरिक संहिता या कानूनी दस्तावेजों के रूप में प्राप्त हो सकती है, जो विभिन्न समाजों और संगठनों द्वारा बनाए जाते हैं। इन्हें पारंपरिक या स्थानीय नियमों के रूप में भी जाना जाता है।
आचार संहिता के विषय में जानकारी कहीं-कहीं नागरिक संहिता या कानूनी दस्तावेजों के रूप में प्राप्त हो सकती है, जो विभिन्न समाजों और संगठनों द्वारा बनाए जाते हैं। इन्हें पारंपरिक या स्थानीय नियमों के रूप में भी जाना जाता है।
आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का एक सेट है। यह एक व्यापक दस्तावेज़ है जो चुनाव के संचालन के दौरान राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकारी मशीनरी द्वारा पालन किए जाने वाले मानदंडों और मानकों को निर्धारित करता है। एमसीसी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने और सभी हितधारकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लोकसभा चुनाव, दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक अभ्यासों में से एक होने के कारण, आदर्श आचार संहिता में उल्लिखित सिद्धांतों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है। 900 मिलियन से अधिक पात्र मतदाताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ रहे हजारों उम्मीदवारों के साथ, नैतिक आचरण और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना अनिवार्य है।
आदर्श आचार संहिता में चुनाव प्रचार के विभिन्न पहलू शामिल हैं, जिनमें सामान्य आचरण, बैठकें, जुलूस, मतदान दिवस की गतिविधियाँ और प्रचार के लिए मीडिया का उपयोग शामिल है। यह उन कार्यों पर रोक लगाता है जो मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित कर सकते हैं या चुनाव के शांतिपूर्ण संचालन में बाधा डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, एमसीसी प्रचार उद्देश्यों के लिए सरकारी संसाधनों के उपयोग, भड़काऊ भाषा के उपयोग और मतदाताओं को नकद या उपहार के वितरण पर प्रतिबंध लगाता है।
इसके अतिरिक्त, एमसीसी सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है और यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव प्रचार विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा न दे। यह उम्मीदवारों द्वारा आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा करने को भी अनिवार्य बनाता है और चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थानों के उपयोग पर रोक लगाता है।
भारत का चुनाव आयोग, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संरक्षक के रूप में, आदर्श आचार संहिता के अनुपालन की बारीकी से निगरानी करता है। यह विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावों के संचालन की निगरानी के लिए चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है और रिपोर्ट किए गए किसी भी उल्लंघन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करता है। इसमें चेतावनी जारी करना, उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों को फटकारना और यहां तक कि गंभीर उल्लंघनों के दोषी पाए गए उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करना भी शामिल हो सकता है।
निष्कर्षतः, आदर्श आचार संहिता भारत में लोकतांत्रिक चुनावों की आधारशिला के रूप में कार्य करती है, जो नैतिक आचरण और निष्पक्ष खेल के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है। चुनावी प्रक्रिया की अखंडता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए इसका प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लोकसभा चुनावों में लोगों की आवाज जोर से और स्पष्ट रूप से सुनी जाए।
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